लेखनी कहानी -23-Feb-2022सरदी और चाय
दिसंबर की ठंड और चाय
सर्दी रंग दिखाती है
रजाई की याद दिलाती है
बात आज चाय की क्या चली,
सबके लबों पर देखो मुस्कुराहट खिली।
दिसंबर का हो मास प्यारा,
चाय बस एक तेरा सहारा।
ठंड को वह दूर भगाएं,
थोड़ी गर्माहट ले आए।
बात महफिल में इश्क की क्या चली,
चाय के दौरान मोहब्बत की कलियांँ खिली।
गर्म चाय की प्याली हो।
मसालेदार अदरक वाली हो।
बस फिर क्या बात महक इलायची वाली हो।
मिठाए थकान सभी की आज,
बन महबूब करें फिर बात।
गर्माहट का अहसास जगाए,
दिसंबर में ठंड दूर भगाएं।
सुस्ती जाए मस्ती आए,
सिर का दर्द मिट जाए।
जग में चाय बड़ी बलवान ,
जग में चाय बड़ी बलवान।
एक कप पी लो दो कप पी लो ,
पी लो सभी मेहमान।
सर्दी भगाना इसका काम,
बीमारी को दूर भगाएं।
सर्दी में बस चाय है सबकी जान।
रजाई में मिल जाए चाय ,
फिर क्या बात फिर क्या बात ।
मिल कर पिएं हम तुम साथ,
थोड़ा काजू बदाम ,
गरमा गरम पकौड़ों के साथ,
खट्टी ,मीठी चटनी हाथ।
चाय फिर तेरी क्या बात,
रजाई में बन जाए सारे काम।
सोंधी सोंधी हलवे की खुशबू,
मन को मेरे भाने लगी है।
गाजर के हलवे तेरी याद आने लगी है।
क्या कहे सर्दी की सौगात,
आए गजक ,मूंगफली फिर सब याद
चाय तेरी बात निराली
सबके मन को भाने वाले
गर्मी का एहसास दिलाएं
चाय तेरी शान निराली।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
23.2.2022
प्रतियोगिता के लिए
देविका रॉय
06-Mar-2022 12:24 AM
Nice
Reply
Ali Ahmad
05-Mar-2022 07:43 PM
Bahut khoob
Reply
Inayat
05-Mar-2022 01:09 AM
बहुत सुंदर
Reply